हनुमान चालीसा को पाठ करना अत्यंत लाभदायक और प्रभावी होता है और इस परम शक्तिशाली चालीसा के निरंतर पाठ से जीवन आनंदमयी बन जाता है.
हनुमान चालीसा एक शक्तिशाली और चमत्कारी प्रार्थना है जिसके १६ प्रमुख लाभ मैंने इस आर्टिकल में बताए है.
इस आर्टिकल में हनुमान चालीसा और उसका अंग्रेजी अनुवाद भी दिया गया है.
१] हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि साढ़ेसाती और और अन्य अशुभ ग्रहों के दुष्परिणामों की तीव्रता कम हो जाती है.
२] हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमानजी की आजीवन कृपा प्राप्त हो जाती है.
२] हनुमान चालीसा का पाठ करने से दुश्मनों का नाश हो जाता है.
४] हनुमान चालीसा का पाठ करने से दुर्घटना और नैसर्गिक आपत्तियों से बचाव हो सकता है.
५] हनुमान चालीसा का पाठ करने से पैसा, धन, नौकरी, व्यवसाय और अन्य परेशानियों का निवारण हो जाता है.
६] हनुमान चालीसा का पाठ करने से घरेलू कलेश और परेशानियों का निवारण हो जाता है.
७] हनुमान चालीसा का पाठ करने से बुद्धि तेज हो जाती है और एकाग्रता बढ़कर काम में मन लगता है.
८] हनुमान चालीसा का पाठ करने से विद्या प्राप्त हो कर पढ़ाई में विद्यार्थियों को लाभ हो कर अच्छे मार्क्स मिल जाते है.
९] हनुमान चालीसा का पाठ करने से मन शांति मिलती है और जीवन सुखी और समाधानी बन जाता है.
१०] हनुमान चालीसा का पाठ करने से भूत-प्रेत, अतृप्त आत्मा, पिशाच, राक्षस, शैतान और अन्य दुष्ट अदृश्य शक्तियों से सुरक्षा और बचाव हो जाता है.
११ ] हनुमान चालीसा का पाठ करने से बुरी नज़र, बाहरी बला, उपरी हवा, जादू-टोना, जारण-मारण से बचाव हो कर अघोरी मंत्र-यन्त्र-तंत्रों का असर नहीं होता.
१२] हनुमान चालीसा का पाठ करने से नींद संबंधित परेशिनियाँ दूर हो कर अच्छी नींद लगती है और अंधेरे का डर नहीं लगता और बुरे और खतरनाक सपने नहीं आते.
१३] हनुमान चालीसा का पाठ करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़कर नकारात्मक उर्जा निकाल जाती है.
१४] हनुमान चालीसा का पाठ करने से शारीरिक और मानसिक शक्ति बढ़ जाती है.
१५] हनुमान चालीसा का पाठ करने से श्री रामजी और अन्य देवों की कृपा प्राप्त हो जाती है.
१६] हनुमान चालीसा का पाठ करने से तबियत अच्छी हो जाती है और रोगों का निवारण हो जाता है.
Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi Text
॥दोहा॥
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥
बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार ।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥॥चौपाई॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥१॥
राम दूत अतुलित बल धामा ।
अञ्जनि-पुत्र पवनसुत नामा ॥२॥
महाबीर बिक्रम बजरङ्गी ।
कुमति निवार सुमति के सङ्गी ॥३॥
कञ्चन बरन बिराज सुबेसा ।
कानन कुण्डल कुञ्चित केसा ॥४॥
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै ।
काँधे मूँज जनेउ साजै ॥५॥
शंकर सुवन केसरीनन्दन ।
तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥६॥
बिद्यावान गुनी अति चातुर ।
राम काज करिबे को आतुर ॥७॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।
राम लखन सीता मन बसिया ॥८॥
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।
बिकट रूप धरि लङ्क जरावा ॥९॥
भीम रूप धरि असुर सँहारे ।
रामचन्द्र के काज सँवारे ॥१०॥
लाय सञ्जीवन लखन जियाये ।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥११॥
रघुपति कीह्नी बहुत बड़ाई ।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥
सहस बदन तुह्मारो जस गावैं ।
अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ॥१३॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।
नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥१५॥
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना ।
राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६॥
तुह्मरो मन्त्र बिभीषन माना ।
लङ्केस्वर भए सब जग जाना ॥१७॥
जुग सहस्र जोजन पर भानु ।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥१८॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं ।
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥१९॥
दुर्गम काज जगत के जेते ।
सुगम अनुग्रह तुह्मरे तेते ॥२०॥
राम दुआरे तुम रखवारे ।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥२१॥
सब सुख लहै तुह्मारी सरना ।
तुम रच्छक काहू को डर ना ॥२२॥
आपन तेज सह्मारो आपै ।
तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥२३॥
भूत पिसाच निकट नहिं आवै ।
महाबीर जब नाम सुनावै ॥२४॥
नासै रोग हरै सब पीरा ।
जपत निरन्तर हनुमत बीरा ॥२५॥
सङ्कट तें हनुमान छुड़ावै ।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥२६॥
सब पर राम तपस्वी राजा ।
तिन के काज सकल तुम साजा ॥२७॥
और मनोरथ जो कोई लावै ।
सोई अमित जीवन फल पावै ॥२८॥
चारों जुग परताप तुह्मारा ।
है परसिद्ध जगत उजियारा ॥२९॥
साधु सन्त के तुम रखवारे ।
असुर निकन्दन राम दुलारे ॥३०॥
अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता ।
अस बर दीन जानकी माता ॥३१॥
राम रसायन तुह्मरे पासा ।
सदा रहो रघुपति के दासा ॥३२॥
तुह्मरे भजन राम को पावै ।
जनम जनम के दुख बिसरावै ॥३३॥
अन्त काल रघुबर पुर जाई ।
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥३४॥
और देवता चित्त न धरई ।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ॥३५॥
सङ्कट कटै मिटै सब पीरा ।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥३६॥
जय जय जय हनुमान गोसाईं ।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥३७॥
जो सत बार पाठ कर कोई ।
छूटहि बन्दि महा सुख होई ॥३८॥
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।
होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥३९॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा ।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ॥४०॥॥दोहा॥
पवनतनय सङ्कट हरन मङ्गल मूरति रूप ।
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप ॥Hanuman Chalisa Lyrics in English Text
|| DOHA ||
SHRI GURU CHARAN SAROJ RAJ NIJ MANE MUKURE SUDHAR
VARNAO RAGHUVAR VIMAL JASU JO DAYAKU PHAL CHARI
BUDHI HIN TANU JANIKE SUMIRAU PAVAN KUMAR
BAL BUDHI VIDYA DEHU MOHE HARAHU KALESA VIKAR|| CHOUPAI ||
JAI HANUMAN GYAN GUN SAGAR
JAI KAPIS TIHUN LOK UJAGAR- 1
RAM DOOT ATULIT BAL DHAMA
ANJANI-PUTRA PAVAN SUT NAMA – 2
MAHAVIR VIKRAM BAJRANGI
KUMATI NIVAR SUMATI KE SANGI – 3
KANCHAN VARAN VIRAJ SUBESA
KANAN KUNDAL KUNCHIT KESA – 4
HATH VAJRA AUR DHUVAJE VIRAJE
KANDHE MOONJ JANEHU SAJAI – 5
SANKAR SUVAN KESRI NANDAN
TEJ PRATAP MAHA JAG VANDAN – 6
VIDYAVAN GUNI ATI CHATUR
RAM KAJ KARIBE KO AATUR – 7
PRABU CHARITRA SUNIBE KO RASIYA
RAM LAKHAN SITA MAN BASIYA – 8
SUKSHMA ROOP DHARI SIYAHI DIKHAVA
VIKAT ROOP DHARI LANKA JARAVA – 9
BHIMA ROOP DHARI ASUR SANGHARE
RAMACHANDRA KE KAJ SANVARE – 10
LAYE SANJIVAN LAKHAN JIYAYE
SHRI RAGHUVIR HARASHI UR LAYE – 11
RAGHUPATI KINHI BAHUT BADAI
TUM MAM PRIYE BHARAT-HI SAM BHAI – 12
SAHAS BADAN TUMHARO YASH GAAVE
US KAHI SHRIPATI KANTH LAGAAVE – 13
SANKADIK BRAHMADI MUNEESA
NARAD SARAD SAHIT AHEESA – 14
YAM KUBER DIGPAL JAHAN TE
KAVI KOVID KAHI SAKE KAHAN TE – 15
TUM UPKAR SUGREEVAHIN KEENHA
RAM MILAYE RAJPAD DEENHA – 16
TUMHARO MANTRA VIBHEESHAN MANA
LANKESHWAR BHAYE SUB JAG JANA – 17
YUG SAHASTRA JOJAN PAR BHANU
LEELYO TAHI MADHUR PHAL JANU – 18
PRABHU MUDRIKA MELI MUKH MAHEE
JALADHI LANGHI GAYE ACHRAJ NAHEE – 19
DURGAAM KAJ JAGAT KE JETE
SUGAM ANUGRAHA TUMHRE TETE – 20
RAM DWARE TUM RAKHVARE
HOAT NA AGYA BINU PAISARE – 21
SUB SUKH LAHAI TUMHARI SARNA
TUM RAKSHAK KAHU KO DAR NA – 22
AAPAN TEJ SAMHARO AAPAI
TEENHON LOK HANK TE KANPAI – 23
BHOOT PISACH NIKAT NAHIN AAVAI
MAHAVIR JAB NAAM SUNAVAI – 24
NASE ROG HARAI SAB PEERA
JAPAT NIRANTAR HANUMANT BEERA – 25
SANKAT SE HANUMAN CHUDAVAI
MAN KARAM VACHAN DYAN JO LAVAI – 26
SUB PAR RAM TAPASVEE RAJA
TIN KE KAJ SAKAL TUM SAJA – 27
AUR MANORATH JO KOI LAVAI
SOHI AMIT JEEVAN PHAL PAVAI – 28
CHARON YUG PARTAP TUMHARA
HAI PERSIDH JAGAT UJIYARA – 29
SADHU SANT KE TUM RAKHWARE
ASUR NIKANDAN RAM DULHARE – 30
ASHTA SIDHI NAV NIDHI KE DHATA
US VAR DEEN JANKI MATA – 31
RAM RASAYAN TUMHARE PASA
SADA RAHO RAGHUPATI KE DASA – 32
TUMHARE BHAJAN RAM KO PAVAI
JANAM JANAM KE DUKH BISRAVAI – 33
ANTH KAAL RAGHUVIR PUR JAYEE
JAHAN JANAM HARI-BAKHT KAHAYEE – 34
AUR DEVTA CHIT NA DHAREHI
HANUMANTH SE HI SARVE SUKH KAREHI – 35
SANKAT KATE MITE SAB PEERA
JO SUMIRAI HANUMAT BALBEERA – 36
JAI JAI JAI HANUMAN GOSAHIN
KRIPA KARAHU GURUDEV KI NYAHIN – 37
JO SAT BAR PATH KARE KOHI
CHUTEHI BANDHI MAHA SUKH HOHI – 38
JO YAH PADHE HANUMAN CHALISA
HOYE SIDDHI SAKHI GAUREESA – 39
TULSIDAS SADA HARI CHERA
KEEJAI DAS HRDAYE MEIN DERA – 40|| DOHA ||
PAVANTNAI SANKAR HARAN MANGAL MURTI ROOP
RAM LAKHAN SITA SAHIT HRDAYE BASAHU SUR BHOOP